मोतियाबिंद का घरेलू इलाज | Motiyabind ka gharelu ilaj

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मोतियाबिंद का घरेलू इलाज | Motiyabind ka gharelu ilaj: मोतियाबिंद (Cataract) – आँखों में धुंधलापन,कारण,लक्षण,घरेलू इलाज: दोस्तों मोतियाबिंद या आँखों में धुंधलापन हमारी आँखों के ऊपर एक लेंस होता है

जिसे हम दृष्टिपटल कहते है उसके ऊपर एक झिल्ली सी बन जाती है जिसको हम मोतियाबिंद कहते है जिससे आँखों में धुंधलापन आ जाता है

मोतियाबिंद का घरेलू इलाज | Motiyabind ka gharelu ilaj

मोतियाबिंद के कारण

दृष्टिपटल और लेंस के ऊपर एक जिल्द और झिल्ली बन जाने से ये रोग होता है। जीवाणु संक्रमण, मधुमेह, विकिरण, चोट इत्यादि के कारण ये रोग हो सकता है। वृद्धावस्था में ये स्वाभाविक रूप से होने वाली प्रक्रिया है।

मोतियाबिंद के लक्षण

दृष्टिपटल और लेंस पर झिल्ली की परत चढ़ जाने से साफ दिखाई नहीं देता, क्योंकि आंख से दिखाई देने वाला नजारा लेंस के ज़रिये पूर्ण और आंशिक रूप से ग्रहण नहीं हो पाता।

मोतियाबिंद का घरेलू इलाज

  • आरंभिक स्थिति में इन दवाओं के प्रयोग से मोतियाबिंद की चिकित्सा संभव है, रोग बढ़ने पर शल्य क्रिया के अलावा किसी विकल्प नहीं है। फिर भी रोग की प्रारंभिक अवस्था में निम्न उपाय किए जाने से लाभ होता है :
  • निर्मली के बीज बारीक पीसकर छान लें एवं सममात्रा में शहद मिला लें। इसे सुबह-शाम सुर्मे की भांति प्रयोग करें।
  • शहद एवं प्याज का रस एक समान मात्रा में बराबर मिलाकर आंखों पर लगाएं।
  • अपामार्ग की जड़ को शहद में घिसकर लगाएं।
  • शरपुंखा के बीजों को बारीक पीसकर सुबह-शाम आंखों में लगाएं।
  • चौलाई के पत्तों का एक गिलास रस प्रतिदिन पिएं।
  • ककरौंदा के ताजे पत्तों का रस निकालकर और छानकर दो-दो बूंद सुबह और शाम आंखों में डालें।
  • सौंफ और धनिए के बीज समान मात्रा में लेकर चूर्ण बनाएं। इनके बराबर देसी खांड़ मिलाकर रख लें। ये चूर्ण सुबह-शाम दो-दो चम्मच दूध के साथ लें।
  • 1 चम्मच सौंफ सुबह-शाम अच्छी तरह चबाकर ऊपर से एक-एक गिलास गर्म दूध पिएं।
  • स्वमूत्र दो-दो बूंद सुबह-शाम आंखों में डालें।

मोतियाबिंद की आयुर्वेदिक औषधियां

महा त्रिफला घृत, वासादिक्वाथ और अमृतादि गुग्गुल घृत का प्रयोग कर सकते हैं। रहने वाले प्रयोग हेतु चन्द्रोदयवर्ति, शिरीषबीजा धञ्जन और शंखाद्यंजन आंखों में लगाएं।

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