गलग्रंथि शोथ, कारण, लक्षण, उपचार

Spread the love

गलग्रंथि शोथ, कारण, लक्षण, उपचार:- गलग्रंथि को हम अंग्रेजी में Tonsilitis कहते है गलग्रंथि से गले में सूजन हो जाती है

एथलीट फुट (Athlete’s foot) कारण, लक्षण, घरेलू चिकित्सा

गलग्रंथि के कारण

पुराना जुकाम बिगड़ने, जीवाणु संक्रमण के कारण और बहुत ठंडा पेय इत्यादि ले लेने पर गलग्रंथि में सूजन आ जाती है।

गलग्रंथि के लक्षण

गले में दर्द रहता है और खाना निगलने में कठिनाई होती है। सिर और सरीर में भी दर्द हो सकता है तथा बुखार भी आ सकता है।

मस्से (Warts) – मस्से हटाने की विधि | masse hatane ki vidhi

गलग्रंथि की घरेलू चिकित्सा

  • बारीक पिसी हुई हलदी, काली मिर्च एवं मुश्क कपूर बराबर मात्रा में लेकर उन्हें तीनों के सम्मिलित वजन से दो गुने मिट्टी के तेल में डालकर 5-6 घंटे धूप में पड़ा रहने दें। अगले दिन छान कर रख लें एवं फुरेरी से गले में लगाएं।
  • 50 ग्राम अलसी के बीज कूटकर 1 चम्मच घी में भून लें। ऊपर से जल डालकर पुल्टिस बना लें। जब ज्यादा गर्म न रहे, तो कपड़े पर रखकर गले पर बांधें।
  • हलदी एवं बायबिडंग को समभाग लेकर कूट लें। इसमें समभाग सेंधानमक लेकर तीनों को जल में उबालें। पांच मिनट तक उबलने के बाद इसे कपड़े से छान लें एवं गुनगुना रहने पर गर्म जल से सुबह-शाम गरारे करें।
  • एक गिलास गर्म जल में एक चम्मच नमक डालकर दिन में 3-4 बार गरारे करें।
  • टमाटर के गर्म-गर्म सूप में काली मिर्च और काला नमक डालकर पिएं।
  • गाजर के रस में काला नमक और काली मिर्च डालकर लें।

गलग्रंथि की आयुर्वेदिक औषधियां

जातीफलादि बटी, स्वल्पपीतक चूर्ण, पञ्चकोलादि गुटी, द्राक्षादि चूर्ण, व्योषादि चूर्ण, व्याघ्री घृत, निम्ब क्वाथ।

गलग्रंथि की पेटेंट औषधियां

सैप्टीलीन गोलियां (हिमालय), डीटोन्सी गोलियां (चरक)।

अफरा व पेट दर्द (Flatulence & Abdominal Colic) कारण,लक्षण,इलाज

MORE

Leave a Comment