Best Guru Nanak Dev Ji Biography in Hindi | श्री गुरु नानक देव जी का जीवन परिचय

Spread the love

Guru Nanak Dev Ji Biography in Hindi:- दोस्तों कई दशकों से इंडिया में अनेको विशाल पुरुषो का जन्म हुआ है । धर्म की स्थपना इंसानो की मदद करने एवं पुनः शांति स्थापित करने के लिए कई चमत्कारिक गुरुवो ने मानव का मार्गदर्शन किया है ।

अभी के इस युग में हम सब ही इंसानो को ऐसे विशाल गुरु (Guru Nanak Dev Ji Biography in Hindi) ज़रिये दिखाए मार्ग पर चलना बहुत ही जरुरी है इसलिए कि विश्व में हमेसा प्रकाशमय एवं आनन्दित भाव प्रस्थान रहे । Guru Nanak Dev Ji Biography in Hindi

आज हम ऐसे ही एक विशाल आत्मा वा गुरु की बात करने जा रहा है सिख धर्म के मुख्य एवं प्रथम संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी । तुम इंसानो ने तो गुरु नानक देवे जी की चित्र तो जरुर देखि होगी । श्री गुरु नानक देव जी का मौन एवं स्थिर भाव मन को मोह लेती है, एवं उनके इस भाव को देखकर हमारे अंदर भी एक अलग ही सकरात्मक ऊर्जा का भाव उत्पन्न होता है । आपको ये पता होना चाहियें की गुरु नानक देव जी भी परमात्मा का एक अंश ही थे ।

आइए हम निचे विस्तारपूर्वक गुरु नानक देव जी के उपदेश, गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं, गुरु नानक देव जी के दोहे आदि मतलब गुरु नानक देव जी का सारी जिंदगी परिचय एवं इतिहास (Guru Nanak Dev Ji Biography in Hindi ) शेयर कर रहे है । हमारा आग्रह है की तुम भी उनके ज़रिये दी कई उपदेश, शिक्षा को एवं उनके जिंदगी से जुड़ी सीख को फोकस पूर्वक पढ़े एवं उसे अमल में लाएं ।

Guru Nanak Dev Ji Biography in Hindi –

गुरु नानक देव जी का इतिहास

अपने उपदेशों से पूरे विश्व को प्रकाशमय

गुरु नानक देव जी ने खुद उपदेशों से पूरे विश्व को आध्यात्मिक शिक्षा एवं विशाल विचारो से इस पृथ्वी को प्रकाशमय किया था । गुरु नानक देव जी के विचार जातिवाद, कौम, धर्म तथा भाषा के सहारा पर होने वाले भेद भाव से उच्च थे । वह सब ही इंसानो के प्रति समानता का भाव रखते थे । गुरु नानक देव जी ने खुद सारी जिंदगी काल मानवता की भलाई एवं सेवा करने में गुजार दी ।

गुरु नानक देव जी का जन्म (Guru Nanak Dev Ji Biography in Hindi)

श्री गुरु नानकका देव जी का जनम 25 अप्रैल १४६९ कार्तिक पूर्णिमा के दिन पंजाब(पाकिस्तान) के तलवंडी नमक गांव म हुआ था । जो अब पाकिस्तान में ननकाना साहेब के नाम से जाना जाता है । इंडिया में इस दिन को सिख धर्म में बहुत अधिक ख़ास माना जाता है एवं इस दिन को इंडिया में गुरु नानक देव जयंती वा प्रकश उत्सव के रूप में मनाया जाता है ।

गुरु नानक देव जी का बचपन और शिक्षा (Guru Nanak Dev Ji Biography in Hindi)

श्री गुरु नानक देव जी बचपन से ही शिक्षा के धनि इंसान थे। सात साल की आयु में ही इन्होने हिंदी एवं संस्कृत अच्छे से सीख ली थी एवं 14 साल की उम्र तक यह खुद देश म सबसे ज्यादा पढ़े लिखे एवं ज्ञानी वयक्ति बन चुके थे।

बचपन में इनके पिता जी इन्हे कई बड़े-2 शिक्षकों के नजदीक पढ़ने ले लिए भेजा थे । बल्कि किसी भी शिक्षक इनके ज़रिये पूछ गए प्रशनो पर निरुत्तर हो जाते थे एवं इनके शिक्षा को देख आश्रय चकित रहा जाते ।

इनकी इसी मनोपरावती को देख इंसानो समझ गए थे की ये किसी सामान्य इंसान नहीं है । श्री गुरु नानक देव जी को इस्लाम, ईसाई एवं यहूदियों के धर्म शास्त्रों के बारे में भी पूर्ण जानकारी थी।

गुरु नानक देव जी से जुड़ि रोचक कहानी | Guru Nanak Dev Ji Biography in Hindi

  • सच्चा सौदा

नानक जी की बचपन से ही ईश्वर के प्रति काफी प्यार एवं श्रद्धा थी। उनका मन पढाई में एकदम नहीं लगता था । इसके विपरीत्त हर वक़्त उनका मन एवं फोकस केवल ईश्वर का नाम जपते रहने में लगा रहता थे । उनकी इस प्रवति को देख उनके पिता उनसे काफी रुष्ट रहते थे । वह सदैव नानक जी के भविष्ये के बारे में चितिंत रहते थे।

Guru Nanak Dev Ji Biography in Hindi

कहते है की एक बार ननकी जी के पिता मेहता कालू नानक जी का फोकस आराधना पाठ एवं साधु-सांगत एवं भगवन के चिंतन से हटाने के लिए उन्हें घर के सब ही बाहरी काम देने का निर्णय किया। इसके लिए उन्होंने सबसे प्रथम काम देने के लोए नानक जी को बुलाया एवं उन्हें 20 रुपय देते हुए हुक्म दिया की जाओ बेटा आप इन पैसो से बाजार जाकर एक सच्चा सौदा करके आओ।

नानक जी खुद पिता की हुक्म पालन कर बाजार की ओर चल देते है। जाते वक़्त उन्हें रस्ते में कई भूखे , गरीब एवं साधु-संत मिलते है । उन्हें देख वह उन इंसानो को 20 रुपयों में भूखो के लिए खाना एवं साधू संतो के लिए वस्त्रों की व्यवस्था कर देते है एवं घर वापपस आ जाते है।

Guru Nanak Dev Ji Biography in Hindi

घर पर उनके पिताजी जब उनसे सौदे के बारे में पूछते है तो नानक जी जवाब देते है –“मैंने उन रुपए से सच्चा सौदा किया है” उन पैसो का इस्तमाल गरीब एवं साधुओं के सेवा में खर्च कर दिया। ये सुन उनके पिता उन पर काफी क्रोधित होते है।

दोस्तों ये रोचक बात ये है की गुरु नानक जी ज़रिये जिस क्षेत्र उन गरीबो एवं साधु संतो को भोजन खिलाते है वही पार अभी भी सच्चा सौदा नाम का गुरुद्वारा बना हुआ है जो अब फरूकाबाद पंजाब(पाकिस्तान) में बसा हुआ है।

  • श्री गुरु नानक देव जी का पहला चमत्कार (Guru Nanak Dev Ji Biography in Hindi)
    कुछ दिन बीतने के बाद फिर दुबारा नानक के पिताजी नानक जी का फोकस ईश्वर से हटाने के लिए उन्हें पशुओं को चराने का काम देते है। पिता के कहे मुताबिक नानक जी पशुओं को चराने गुजर जाते है।Guru Nanak Dev Ji Biography in Hindi
  • पशु चारते समय नानक जी एक पेड़ के नीचे बैठ जाते है एवं भगवान् के नाम जपने लगते है। कुछ ही देर में नानक जी भगवान के फोकस में इतने खो जाते है की उन्हें खुद पशुओं का भी फोकस नहीं रहता की वह कहा है।उनके पशु दुसरो के खेतो में जा उसकी सब ही फसल नष्ट कर देते है। खेत का मालिक खुद खेत में पशुओं को देख उन्हें भागता है एवं पेड़ के नीचे नानक जी को देख समझ जाता है की ये पशु इनके ही है जो अपने आँखे बाद कर मेरे फसलों का नष्ट करवा रहे है।

    यह सब देख देख खेत मालिक नानक के पिता से जा इसकी शिकयत करता है। उनके पिताजी ये सुन काफी क्रोध होते है एवं नानके जी को डाटते है।

  • Guru Nanak Dev Ji Biography in Hindi
  • बाद में जब उनके पिताजी एवं खेत मालिक सब ही नष्ट हुए फसलों के देखने खेतो में जाते है तो वहा कुछ भी ऐसा हानि हुआ नहीं दीखता है। ये देख खेत मालिक अचंभित रहा जाता है एवं यही से नानक से श्री गुरु नानक देव जी बनने एवं उनके चमत्कारों का सिलसिला प्रारम्भ हो जाता है।
  • श्री गुरु नानक देव जी का दुसरा चमत्कार (Guru Nanak Dev Ji Biography in Hindi)
    फिर एक बार दुबारा से उनके पिताजी ने उनको सुल्तान पुर के मशहूर नव्वाब दौलत खा के यहां राशन भांडार में एक निरक्षक के पद पर काम पर लगवा देते है।नानक जी यहां इंसानो को राशन दिया करते थे। उनके नजदीक सुबह से शाम तक ग्राहकों की भीड़ लगी रहती थी एवं वह इंसानो को खासकर जरुरतमंदो को बिना पैसे राशन भी दे दिया करते थे। उनकी इस हरकतों को पता जब नवाब को पता चलता है तो वह इसकी जांच पड़ताल करवाते है। पर इस बीच में नानक जी के काम में कुछ भी कमी नहीं पाई जाती उलटे नवाब को इसमें मुनफा प्राप्त हुआ होता है।
  • Guru Nanak Dev Ji Biography in Hindi
  • इस तरह नवाब एवं इंसानो को नानक जी की इस अद्भुत व्यक्तित्वा ने काफी प्रभावित किया था। कुछ वक़्त बाद गुरु नानक जी ने ये नौकरी भी छोड़ दी एवं साधु संतो के साथ बैठ उनकी ही तरह भगवान् का चितन-मनन एवं फोकस में रम गए। इस बीच उनके कई विद्यार्थी भी बने थे जो उनका काफी आदर एवं उनसे प्यार करते थे। जिसमे उनका सबसे प्रिये विद्यार्थी मर्दान था जो उनके साथ उनके पद यात्रा में साथ साथ रहा।

नानक जी का माता सुलखनी से विवाह (Guru Nanak Dev Ji Biography in Hindi)

गुरु नानक जी की प्रवति से दुखी हो उनके माता पिता उनकी शादी सुलखनी देवी से करा देते है। इसलिए कि वह भगवान से फोकस हटा गृहस्थ जिंदगी में व्यस्त हो जाये।

शादी के कुछ दिन बाद नानक एवं सुलखनी से दो पुत्र श्रीचंद एवं लक्ष्मीचंद भी होते है।

हलाकि गृहस्थ जिंदगी होने के बावजूद गुरु नानक जी ने भगवान भक्ति के प्रति एकदम भी खुद सवभाव नहीं बदला एवं जब भी खाली वक़्त मिलता भगववान के आत्म चिंतन में डूब जाया करते थे ।

Guru Nanak Dev Ji Biography in Hindi with Stories

गुरु नानक देव जी की 5 प्रेरणादायक रोचक कहानियाँ

रोती हुई औरत और उसका बच्चा 

गुरु नानक देव ने क्यों की थी मक्का की यात्रा 

जब लालची आदमी ने नहीं पिलाया गुरु देव को पानी फिर हुआ हुआ ये 

गुरु नानक देव जी और नाग 

ईमानदारी की रोटी

समाजिक कुरित्यों और पखान के विरोधि | Guru Nanak Dev Ji Biography in Hindi with विरोधि

श्री गुरु नंनक जी हमसे से ही समाज में पहेली कुऋतुओं- साम्प्रदायिक एवं जातीय भेदभाव, प्रतिमा पूजन, धार्मिक आडम्बर, अंधविस्वाशो इत्यादि के एकदम विरुद्ध थे। उनका मानना था की भगवान हमारे अंदर ही है वह कही कोई मंदिर मस्जिद और धार्मिक स्थल में जाकर नहीं मिल सकते है।

ईश्वर को बस प्यार भक्ति. दया, निर्मलता एवं सच्चे सवभाव के द्वार ही पाया जा सकता है। लालची, लोभी एवं पाखंडी मानव के हृदय में कभी भी भगवान वास नहीं कर सकते है।

Guru Nanak Dev Ji Biography in Hindi

श्री गुरु नानक जी की पद यात्राएं (1500-1524) (उदासीन)

गुरु ननकी जी की पद यात्रा का इतिहास (Guru Nanak Dev Ji Biography in Hindi इतिहास)

गुरु नानक जी ने समाज से धार्मिक कुरुतियों ढोंग-पाखंड एवं धर्म गुरुओं की गलातिओं को सुधारने का फैसला किया। इसके लिए गुरु नानक जी ने कई तीर्थ यात्रायें भी की थी। जिसमे उन्होंने खुद शिक्षा के मध्यम से चारो तरफ एकता, प्रेम, सद्भाव एवं शांति की स्थापना करने का संकलप लिया।

माना जाता है की श्री गुरु नानक जी ने खुद विद्यार्थी मरदाना एवं बाला के साथ सं 1500 ईस्वी से 1526 ईस्वी के बीच कुल पांच यात्राएँ की थी। जिसमे उन्होंने तक़रीबन 24000Km तक की दूरी पैदल चलके पूरी करि थी। जिसमे वहा भारत, फ्रांस, अरब एवं अफगानिस्तान के मुख्य स्थानों पे गए थे।

श्री गुरु ननकी जी ने अपनी पहली यात्रा शुरू करने से पहले खुद माता-पिता एवं बीवी बच्चो के से अनुमति ले एवं उन्हें अपनी यात्राओं का महत्व समझा। वह खुद माता पिता का आशीर्वाद ले वह से गुजर पड़ते है।

अपनी पहली यात्रा 1500 ईस्वी से शुरू की थी एवं जिसको उन्होंने लगबगाग 4 साल में पूरा किया था। इस यात्रा म उन्होंने पूर्व दिशा वर्तमान इंडिया एवं पास्किस्तान के अधिकांश भागो को कवर किया था।
1507-1513 अपनी दूसरी यात्रा दक्षिण दिशा से शुरू की जिसमे इंडिया में राजस्थान, गुजरात। महाराष्ट, कर्नाटक एवं तमिल नाडु होते हुए श्रीलंक के अधिंकाश धार्मिक स्थानों की यात्राएं की थी। इस यात्रा को भी तक़रीबन 4 सालो में पूरी की गई थी।
1514-1518 अपनी तीसरी यात्रा में गुरु नानक जी ने कश्मीर, हिमाचल, नेपाल , तिब्बत एवं सिक्कम को तक़रीबन पांच सालो मे पूरा किया था।
1519-1521 इसके बाद उन्होंने अपनी —– यात्रा ईराक मक्का, टर्की एवं अरब देशो में की। ये यात्रा तीन सालो में पूर्ण की गई थी।
1523-1524 एवं अपनी पांचवी एवं अंतिम यत्र में पंजाब के सब ही भागो को कवर किया। खुद फॅमिली सहित करतापुर(पाकिस्तान) में आ कर बस गए एवं यहीं उन्होंने अपनी आखरी सांस भी ली थी।

श्री गुरु नानक देव जी ने अपनी यात्राओं के बीच में इंसानो को उपदेश देने के माध्यम से कई कविताएं और दोहो की रचनाये की थी। जिन्हे बाद में सिख के सबसे निश्छल ग्रन्थ “गुरु ग्रन्थ साहिब” में सम्मिलित कर लिया गया था।

गुरु नानक देव जी के दोहे एवं उपदेश ( Guru Granth Sahib Quotes In Hindi ) के कुछ ख़ास अंश को नीचे शेयर किए गए है।

श्री गुरु नानक जी के शब्द/उपदेश (Guru Nanak Dev Ji Biography in Hindi उपदेश)

गुरु नानक जी सदैव से ही मानव के कल्याण एवं खुशाल भरे जिंदगी की कामना करते थे। जिसके लिए उन्होने इंसानो को 10 प्रमुख उपदेश दिए जिसका पालन करते हुए हर व्यक्ति खुद एवं दुसरो के जिंदगी को खुशहाल बना सकते है।

श्री गुरु नानक जी के 10 अनमोल उपदेश (Guru Nanak Dev Ji Biography in Hindi)

  1. सबका पिता एक ही है अर्थात सबका ईश्वर एक ही है।
  2. ईश्वर हर जगह और हर प्राणी मे मौजूद है।
  3. जो ईश्वर की सच्चे मन से आराधना करता है उसे किसी का भय नहीं हो सकता।
  4. हमेशा ईमानदारी और परिश्रम से ही अपना जीवन व्यापन करना चाहिए।
  5. धन को हमेशा जेब में रखे दिमाग में नहीं।
  6. कभी भी बुरा कार्य ना करें और ना ही किसी को दुःख पहुंचाएं।
  7. सदैव प्रशन्न रहो और हमेश ईश्वर का शुक्रगुजार रहे।
  8. हमेसा अपनी आय का कुछ हिस्सा जरुरतमंदो की मदद के लिए दान करें।
  9. कभी किसी स्त्री और पुरषों मे भेदभाव ना करें और दोनों के प्रति सामान भाव रखे।
  10. बिना किसी लोभ, लालच या चिंता के अपने कर्म को पूर्ण रूप से करते रहें ।

Guru Nanak Dev Ji Biography in Hindi

Leave a Comment