नियमित रूप से लिपस्टिक का प्रयोग करने से होंठों का स्वाभाविक रंग नष्ट हो जाता है। उसमें सूखापन, दरारें पड़ना, पपड़ी जमना, सूजना , रिसना यहां तक कि होंठ काले पड़ जाते है।
नाखूनों पर नियमित रूप से प्रयोग की जाने वाली नेलपालिश से नाखून बंदरंग, चमकहीन और उनकी बनावट बिगड़ सकती है तथा वे कमजोर होकर जल्दी टूटते हैं।
आंखों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले प्रसाधनों में आई पेंसिल, आई लाइनर, आई शैडो, मस्कारा, काजल, सुरमा न केवल आंखों में खारिश पैदा करते हैं
शैम्पू में सिंथेटिक डिटरजेंट होता है। साबुन आधारित शैम्पू मेँ पानी के खनिज के कारण बाल कड़क, रूखे और मुंह हो जाते है।