पेचिश के घरेलू उपाय

पेचिश के घरेलू उपाय | पेचिश (Dysentery) कारण,लक्षण,घरेलू उपाय: आंतों के संक्रमण को पेचिश कहते है जो ख़ून और बलगम युक्त दस्त का कारण बनता है।

पेचिश के दूसरे लक्षणों में शामिल हो सकते हैं: दर्दनाक पेट में ऐंठन। बीमार महसूस करना और बीमार होना (उल्टी) उच्च तापमान।

पेचिश के कारण

जब आंव और रक्त मिश्रित चिकना मल थोड़ी-थोड़ी मात्रा में मरोड़, दर्द और जलन के साथ होता हो, तो इसे पेचिश (प्रवाहिका) रोग समझना चाहिए।

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पेचिश रोग वर्षा और गर्मी के मौसम में ख़ास रूप से तीर्थों, शिविरों, मेलों इत्यादि में खाना तथा जल के दूषित होने से फैलता है।

पेचिश के लक्षण

पेचिश रोग एकाएक प्रारंभ होता है। पेट के निचले हिस्से में दर्द और मरोड़ के साथ दस्त शुरू होते हैं, जो पतले होते चले जाते हैं।

पेचिश के घरेलू उपाय

  • बेलगिरी के फल के गूदे का चूर्ण और ईसबगोल की भूसी एक चम्मच की मात्रा में उबालकर ठंडे किए हुए जल के साथ दें।
  • बेलगिरी के फल के गूदे का चूर्ण और काले तिल 3 : 2 के अनुपात में मिलाकर 1 चम्मच की मात्रा में दही के साथ तीन बार दें।
  • ईसबगोल के बीज 1 चम्मच की मात्रा में आधी भुनी चीनी की बराबर मात्रा के साथ दिन में तीन बार दें।
  • जायफल, लौंगे, जीरा एवं सोहागा समान मात्रा में लेकर, कूटकर चूर्ण बनाएं। इसे एक-एक चम्मच छाछ के साथ दिन में तीन बार दें।
  • तीन चम्मच धनिए का चूर्ण बराबर मात्रा में मिसरी लेकर जल में घोलकर दिन में दो बार पिलाएं।
  • नीबू का रस डालकर फाड़ा हुआ दूध तीन-तीन घंटे के अंतर से रोगी को दें।
  • एक चम्मच ईसबगोल को सात-आठ चम्मच गुलाब जल में पकाएं और उसमें थोड़ा-सा दूध डालकर चार-चार घंटे के अंतर से रोगी को पिलाएं।
  • एक भाग भुनी हुई सौंफ, एक भाग बिना भुनी सौंफ और दो भाग मिसरी को मिलाकर कूट-पीस लें। एक से डेढ़ चम्मच की मात्रा में उबले हुए जल के साथ तीन बार दें।
  • सूखा धनिया और बेलगिरी समान मात्रा में लेकर कूट लें। फिर इन दोनों के बराबर मिसरी मिला लें। एक चम्मच की मात्रा में दिन में तीन बार उबाल कर ठंडा किए हुए जल के साथ दें।
  • रोगी को सुबह शाम आलू बुखारे खिलाएं।
  • मीठे सामान्य के 100 ग्रा. रस में 25 ग्रा. दही और 2 ग्रा. अदरक का रस मिलाकर सुबह-शाम रोगी को पिलाएं।
  • सुबह खाली पेट एक पाव नाशपाती खाएं।
  • बेलगिरी का शरबत दिन में चार-पांच बार दें।

आयुर्वेदिक औषधियां

बिल्वादि चूर्ण, शतपुष्पादि चूर्ण, चतुषष्टप्रहरी पिप्पली, कूटजारिष्ट, कुटज अवलेह, लघु गंगाधर चूर्ण।

पेटेंट औषधियां

मरोड़ हरण चूर्ण (शिवायु), एंटी डीसेनट्रोल (ऊंझा), अमीबिका गोलियां (बैद्यनाथ), दीपन गोलियां (चरक), एम्बीमैप गोलियां (महर्षि आयुर्वेद), एमाइडो फोर्ट गोलियां और सीरप (एमिल) भी पेचिश में प्रभावकारी हैं।

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