कुष्ठ रोग में क्या खाना चाहिए
कुष्ठ रोग में क्या खाना चाहिए? मेहंदी के 20 ग्राम पत्ते रात को जल में भिगो दें। सुबह अच्छी तरह से पत्तों को मसलकर छान लें एवं शहद मिलाकर रोगी को खाली पेट खिलाएं।
फैक्ट्स नॉलेज – रोचक तथ्य और ज्ञान
कुष्ठ रोग में क्या खाना चाहिए? मेहंदी के 20 ग्राम पत्ते रात को जल में भिगो दें। सुबह अच्छी तरह से पत्तों को मसलकर छान लें एवं शहद मिलाकर रोगी को खाली पेट खिलाएं।
गले की सूजन का घरेलू इलाज: गले की सूजन (खराश) – Pharyngitis,कारण,लक्षण,इलाज: कई बार क्या होता है की हम कुछ गरम खाते है एवं उसके कुछ देर बाद ही उसके ऊपर ठंडा खा लेते और पेय प्रदार्थ पी लेते है और जुकाम की वजह से जब कफ बनता है तब गले में खराश एवं हलकी सी सूजन आ जाती है।
China 30 homeopathic medicine uses in hindi: “China 30” एक प्रकार की होम्योपैथिक दवा है जिसका मुख्य उपयोग मलेरिया, शरीर में कमजोरी, थकान, उच्च दर्द और तनाव से उत्पन्न लक्षणों के इलाज में किया जाता है। यह दवा चायना बार्क से बनती है और विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं में उपयोग की जाती है।
Mother tincture homeopathic medicine uses in hindi: मदर टिंक्चर (Mother Tincture) होम्योपैथिक चिकित्सा में एक प्रकार की दवा है जो पौधों, पौधों के अंगों या जीवाणुओं से बनाई जाती है।
गुहेरी का इलाज | Guheri ka ilaj: गुहेरी या आँखों पर फुन्सी (Stye) – पलकों में दाने निकलना कारण, लक्षण और घरेलू चिकित्सा दोस्तों आँखों पर जो फुन्सी निकल जाती है
जहर के लक्षण और इलाज:- दोस्तों जैसा की हम जानते है की शरीर में विष यानी जहर किसी भी सकता है जहर का मतलब यहाँ पोइज़निंग से है जैसे की ख़राब गन्दी चीजे या हवा या किसी चीज में कोई केमिकल मिलावट आदि से हमारे शरीर में विष आ सकता है
टॉन्सिल या गलग्रंथि, कारण, लक्षण, उपचार: गलग्रंथि को हम अंग्रेजी में Tonsilitis कहते है गलग्रंथि से गले में सूजन हो जाती है।
सूर्य की किरणों का प्रभाव: सूर्य की खासकर अल्ट्रा वायलेट लाइट जो सूर्य के ऊपर से त्वचा पर सीधी पड़ती हैं त्वचा पर काले धब्बे बनाने का मुख्य कारण बनती हैं।
दस्त का घरेलू इलाज | दस्त (अतिसार) का कारण, लक्षण, घरेलू इलाज: जब खाया हुआ खाना बिना पचे और आधी पची हुई अवस्था में खाने के छह-सात घंटे के अंदर ही वेग के साथ, पतले मल के रूप में निकलने लगे, तो ऐसी अवस्था दस्त और अतिसार कहलाती है।
दांतों के रोग का घरेलू उपाय: दातों की समुचित सफाई न होने से तथा ज्यादा गर्म और ठण्डे वस्तु लेने से दांतों और मसूढ़ों के रोग उत्पन्न होते हैं।