Fun Facts about Exotic Animals in Hindi

Fun Facts about Exotic Animals in Hindi: कुछ जानवर और कीड़े, जैसे गिलहरी और भँवरे, “मेटिंग प्लग” का इस्तेमाल करते हैं ताकि कोई और नर, उस मादा के साथ संबंध न बना सके जिससे वे पहले ही मिलन कर चुके हों।

जब गिलहरियों के पास अतिरिक्त मेवे होते हैं, तो वे उन्हें मिट्टी में गाड़ देती हैं और हर बार अलग गड्ढा बनाती हैं। लेकिन शोध में पाया गया कि लगभग 20% समय वे दिखावा करती हैं ताकि दूसरे जानवर धोखा खा जाएँ और चोरी न कर सकें।

एक स्लॉथ अपनी ताक़त का 12% सिर्फ़ पेड़ पर ऊपर-नीचे चढ़कर टॉयलेट जाने में खर्च करता है।

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एक अकेला स्लॉथ अपने ऊपर 980 तरह के भिनभिनाने वाले कीड़े (बीटल) पाल सकता है।

Fun Facts about Exotic Animals in Hindi

कुछ कत्लखानों में “जूडस बकरी” का इस्तेमाल किया जाता है। इसे खास तौर पर पाला-पोसा और सिखाया जाता है ताकि यह बाकी जानवरों को शांति से कत्लखाने की ओर ले जाए। जानवर मर जाते हैं लेकिन इसकी जान बख्श दी जाती है।

बाघ नारंगी रंग के होते हैं क्योंकि उनके मुख्य शिकार यानी हिरण उन्हें हरे रंग जैसा देखते हैं। हिरण सिर्फ नीला और हरा रंग देख पाते हैं, लाल को नहीं, इसलिए वे बाघ को हरा समझ लेते हैं।

लॉबस्टर अपने पैरों से सुनते हैं।

लॉबस्टर का दिमाग उसके गले में होता है।

छिपकली एक साथ सांस नहीं ले सकती और चल भी नहीं सकती।

चिंपैंजी एक-दूसरे को उनके पीछे का फोटो देखकर पहचान सकते हैं।

चूहे लाल रोशनी नहीं देख सकते।

अगर रात में भेड़ों के झुंड को ले जाया जाए तो सबसे आगे सफेद लाइट और सबसे पीछे लाल लाइट होनी चाहिए।

स्लॉथ (आलसी जीव) हफ़्ते में सिर्फ एक बार पॉखाना करते हैं। ऐसा करने के लिए ही वे पेड़ से नीचे उतरते हैं। यह उनके लिए बहुत खतरनाक समय होता है क्योंकि शिकारी उन्हें आसानी से पकड़ सकते हैं, जब वे नीचे आकर अपनी “पॉटी डांस” करते हैं।

स्लग्स (नरम घोंघा जैसे जीव) के पास लगभग 27,000 दांत होते हैं। ये टूटते रहते हैं और फिर पीछे की पंक्तियों से आगे बढ़ते दांत उनकी जगह ले लेते हैं।

अधिकतर मीर्कैट के झुंड में सिर्फ एक जोड़ी का प्रभुत्व होता है और वही प्रजनन करती है। बाकी मादाएं आपस में ज्यादा खाने और बढ़ने की होड़ लगाती हैं ताकि अगली प्रमुख मादा बन सकें।

गिरगिटों की लड़ाई अक्सर उसी से शुरू होती है जिसके शरीर पर धारियां ज्यादा चमकीली होती हैं।

एक नई स्टडी में पता चला है कि हाथी भी परेशान होने पर एक-दूसरे को शांत करते हैं, अपनी सूंड से हल्के से छूकर। अब तक सिर्फ इंसान, बंदर और रेवेन परिवार के पक्षी ऐसा करते जाने जाते थे।

वॉम्बैट नाम के जानवर का मल घनाकार यानी चौकोर निकलता है। इसकी वजह उसकी आँत का आखिरी हिस्सा है, जो दबाव डालकर मल को चौकोर आकार देता है।

बत्तख जैसी चोंच वाले प्लैटिपस नर जीवों के पिछले पैरों में ज़हरीला काँटा होता है। यह इंसानों को जानलेवा तो नहीं मगर बहुत दर्द देता है।

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