शुक्राणु कहा बनता है | sukranu kaha banta hai – ये इंसानो के अंडकोष में बनता है और यह एक ऐसी कोशिकाएं होती है जो प्रजनन के बीच में मनुष्य द्वारा निकलती है जिसे वीर्य कहते है और इसे यानी शुक्राणु (स्पर्म) बनने में 10 हफ्तों का वक़्त लगता है।
शुक्राणु (स्पर्म) एक ऐसा ख़ास मानव कोशिका है जिसका सृष्टि की सरंचना में अत्यधिक योगदान है क्यूंकि ये जिंदगी का बीज होता है और वीर्य से ही हर एक जीव जंतु का निर्माण संभव है।
अभी हम शुक्राणु से जुड़ी कुछ ख़ास रोचक जानकारिया शेयर कर रहें है जो शयद आप नहीं जानते होंगे। जिन्हे हर महिला और पुरुष को जानना बहुत अधिक जरुरी है।
Facts about Sperm in Hindi
हर बार डिस्चार्ज पर करीब 100 मिलियन शुक्राणु बाहर निकलते है जिसमे से कई लाख तो बाहर निकलते ही मर जाते है और कई स्त्री गर्भाशय तक पहुंचते-पहुंचते मर जाते हैं।
5 ml वीर्य में 20% तक Calorie होती है जिसमे सबसे अधिक Protein की मात्रा होती है हलाकि इसमें कुछ अनुपात में वासा, कैल्शियम, जिंक और कार्बोहायड्रेट भी होता है।
वीर्य और शुक्राणु दोनों ही अलग अलग होते वीर्य एक पोषक तरल होता है जिसमे शुक्राणु मौजूद होते है जो शुक्रणुओं को महिला शरीर में प्रवेश करने में मदद करता है।
शुक्राणु कहा बनता है | sukranu kaha banta hai Facts
आपको जानकार हैरानी होगी स्पर्म का उपयोग के नोर्वे की एक कंपनी ने Anti aging cream भी बनाई थी क्योंकि इसमें त्वचा को खूबसूरत और ग्लोइंग बनाने के साथ-साथ रिंकल्स को भी हटाने के पौषक तत्व होता है।
ज्यादा बार यौन संबंध बनाने और अधिक हस्तमैथुन से शुक्राणुवों की मात्रा और गुणवत्ता में गिरावट आती है।
एक शोध के मुताबिक अभी के दौर में जिस प्रकार इंसानो की दिनचर्या होती जा रही है अधिक तनाव, देर में सोना, सुबह लेट उठना, Exercise वा कोई Physical Activity ना केना से हर साल व्यक्तियों में शुक्राणुवों की कामी आती जा रही है अगर ऐसा चलता रहा तो 50 साल बाद संसार के 50% मनुष्ये बाप बनने के योग नहीं रहेंगे।
शुक्राणु की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए एक मनुष्य को महीने में कम से कम 4 बार और अधिकतम 9 से 10 बार सम्भोग कर लेना चाहिए।
स्त्री के पेट में बच्चे के लिंग का निर्धारण पुरष शुक्राणु द्वारा होता है क्यूंकि पुरुष शुक्राणु में दो प्रकार के तत्व होते है जो ये निर्धारण केते है की स्त्री के गर्भ में लड़का होगा और लड़की।
शुक्राणु की गुणवत्ता कम होने से स्त्रियों को गर्भ धारण करने में परेशानी होती है। गाजर, बादाम, काजू, लहसुन, प्याज इत्यादि के सेवन से शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता बढ़ती है।
शुक्राणु वृद्धि | शुक्राणु कैसे बढ़ाये?
वीर्य में शुक्राणुओं की वृद्धि हेतु निम्न औषधियों का प्रयोग किया जा सकता है-
- तुलसी के बीज व गुड़ बराबर मात्रा में लेकर कूटें व मटर के बराबर की गोलियां बनाएं। 2-2 गोली सुबह-शाम दूध के साथ लें।
- सत गिलोय 1 भाग, सफेद मूसली 2 भाग, तालमखाने 3 भाग लेकर सबको कूट-पीस लें। तीनों के बराबर मिस्री मिला लें। एक-एक चम्मच गर्म दूध के साथ लें।
- शतावर, मुलेठी, सत गिलोय, शुद्ध शिलाजीत, वंशलोचन, तालमखाने, छोटी इलायची के बीज, पाषाणभेद, लौह भस्म व बंग भस्म सभी को समान मात्रा में लें। इन सबके वजन के बराबर मिस्त्री मिला लें। एक चम्मच दवा सुबह-शाम दूध के साथ लें।
- स्वर्ण भस्म 1 भाग, कस्तूरी 2 भाग, रजत भस्म 3 भाग, जावित्री 4 भाग, केशर 5 भाग, छोटी इलायची के बीजों का चूर्ण 5 भाग, जायफल का चूर्ण 6 भाग व वंशलोचन का चूर्ण 7 भाग लेकर अच्छी तरह मिला लें। पान के स्वरस में घोटकर मूंग की दाल के बराबर गालियां बना लें। 1-2 गोली शहद, मलाई या मक्खन के साथ लेकर ऊपर से दूध पी लें।
शुक्राणु वृद्धि की पेटेंट औषधियां
स्वामला कम्पाउन्ड (धूतपापेश्वर), एडीजोआ कैप्सूल (चरक), स्पीमेन गोलियां (हिमालय), सीमेन्टों गोलियां (एमिल), अश्वगन्धा कैप्सूल (माहेश्वरी), वाजीएम कैप्सूल, गोलियां व तेल (माहेश्वरी), डिवाइन हैल्थ प्लस कैप्सूल (बी.एम.सी. फार्मा)।
दोस्तों कैसे लगा आपको ये रोचक तथ्य (Interesting Facts Related To Sperm In Hindi), अगर आपको ये पोस्ट अच्छी लगी हो तो शेयर भी जरुर करे।
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