जनरल नॉलेज की कुछ बातें: दोस्तों आज हम कुछ अमेजिंग नॉलेज की बातो के बारे में बात करेंगे. ये पढ़कर आपको बहुत मजा आने वाला है इस पोस्ट में आपको दुनिया भर की नयी नयी जानकारियां हासिल होगी आपको बहुत जनरल नॉलेज की बातें में मिलने वाला है अगर आपको जानकारी हेल्पफुल लगे तो शेयर जरूर करे धन्यवाद्
जनरल नॉलेज की कुछ बातें
- हम अपने पूरे जीवन में इतनी लार पैदा करते है कि दो स्विमिंग पूल भर जाये।
- हम अपने जीवन के 3 महीने टॉयलेट में निकाल देते है।
- जो लोग अपने दोस्तों से अलग रहते है मतलब कि अकेले रहते है वो चार साल ज्यादा जीते है।
- एक आदमी अपनी जिन्दगी का एक साल महिलाओं को घूरने में निकाल देता है।
- हमारी जिन्दगी में हमारी त्वचा 900 बार बदलती है।
- व्यक्ति जीवन में 5 साल का समय वह सपने देखने में बिता देता है।
- हम अपनी जिन्दगी के 25 साल सोने में ही गुजार देते है।
- व्यक्ति अपने जीवन में 2 से 3 सप्ताह का समय सिर्फ चुम्मा करने में बिता देता है।
- जो व्यक्ति प्रतिदिन मीट का सेवन करता है वह अपने जीवनकाल में 7000 से भी अधिक जानवर खा लेता है।
- हमारी पूरी जिन्दगी में हमारा दिमाग 10 लाख GB Data Store करता है।
- यदि आप एक सिगरेट पीते है तो आपकी जिन्दगी के 11 दिन कम हो जाते है।
- प्रत्येक 5 अमेरिकी व्यक्ति में 1 व्यक्ति ये सोचता है कि उसके जीवन के दौरान ही सारी दुनिया समाप्त हो जाएगी।
- दुनिया में 80% लोग अपना गुजारा प्रतिदिन 10$ से भी कम में करते है।
- महिलाओं के 4 साल तो मासिक धर्म में गुजर जाते है।
- एक जिराफ़ अपनी 21 इंच लम्बी जीभ से कान साफ कर सकती है।
- ऊंट के तीन पलके होती है, जिससे वो रेगिस्तान की उड़ती धुल से बच सके।
- मानव गर्भनिरोधक गोलियां गोरिला पर भी काम करती है।
- एक गिलहरी की उम्र 9 साल तक होती है।
- मगरमच्छ अपनी जीभ को बाहर नहीं निकाल सकता।
- एक छिपकली का दिल 1 मिनिट में 1000 बार धड़कता है।
- झींगे का दिल उसके मस्तिष्क में पाया जाता है।
- कुछ शेर दिन में 50 सहवास करते है।
- स्टारफिश के पास अपना दिमाग नहीं होता।
- कॉकरोच का यदि सिर काट दिया जाए तो वह कई हप्तों तक जीवित रह सकता है।
- तितलियां किसी भी वस्तु का स्वाद अपने पैरों से करती है।
- डॉलफिन जब सोती है तो वह एक आंख ही बंद करती है।
- एक बिल्ली का पेशाब काली रोशनी के नीचे चमकता है।
- चूहे 18 महीनों में 2 लाख से भी अधिक बार वंशज पैदा करते है।
- सूअर अपने सहवास के जोश को 30 तक चालू रख सकते है।
- यदि आप एक बिच्छू पर थोड़ा शराब डाल देते है तो वह पागल हो जाता है और खुद को ही डंक मार देता है।
जब कोई इंसान रोता है या बहुत ज्यादा हसता है तब आँखों से आंसू निकल आते है।
लेकिन वो आते कहा से है?
आंख के बाहरी ऊपरी कोने पर ‘लैक्रिमल ग्लैंड्स’ नामक छोटी ग्रंथियां होती हैं। ये ग्रंथियां वास्तव में आंसू पैदा करती हैं और उन्हें वहां जमा करती हैं।
जब हम रोते हैं, इन ग्रंथियों के आसपास की मांसपेशियां ग्रंथियों को निचोड़ती हैं। इसलिए आंख के ऊपर बारीक वाहिनी के माध्यम से आंसू छलकते हैं।
आंसू क्यों उपयोगी हैं?
हर बार पलक झपकते समय अश्रु ग्रंथियों से आंसू हमारी आंखों की सतह पर फैल जाते हैं। यह कॉर्निया को नम रखता है और सूखने से रोकता है।
आंसुओं में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो कीटाणुओं को आँख की सतह से दूर रखते हैं ।
क्या रोना जरूरी है?
वैज्ञानिक कई सालों से रोने पर शोध कर रहे हैं, रोने को नियंत्रित करने वाले मस्तिष्क मार्ग कौन से हैं? रोना क्यों और कैसे विकसित हुआ है? जैसे प्रश्न पूछ रहे हैं
एक फायदा जो अछे से जाना जाता है, वह यह है कि बहुत से लोग उनके रोने के बाद शांत और तनावमुक्त महसूस करते हैं।
एक फ़िल्म (movie) में हमारी आंखें किसी गतिमान वस्तु (moving object) की व्याख्या (interpret) कैसे करती हैं: हमारी आंखें किसी व्यक्ति को टीवी स्क्रीन पर या मूवी थियेटर में चलते हुए कैसे देख सकती हैं? जबकि फिल्म की पट्टी में व्यक्ति की छवि स्थिर हो?
इस प्रभाव को ‘महत्वपूर्ण संलयन आवृत्ति’ (critical fusion frequency) कहा जाता है। (संदर्भ। गणोंग – फिजियोलॉजी)। क्रिटिकल फ्यूजन फ़्रीक्वेंसी वह दर (rate) है जिस पर एक फिल्म के फ्रेम अलग छवियों के रूप में होते हैं
जब छवियां या फोटो आपको अधिक तेजी से दिखाई जाती हैं, तब आप अलग से फ्रेम नहीं देख सकते हैं लेकिन चीजे लगातार चलती हुई दिखाई देती है
फिल्म बनाने के लिए इस सिद्धांत का उपयोग किया जाता है
सामान्य दर 24 second प्रति फ्रेम है। यदि हम एक सेकंड में 24 फ्रेम एक पिल्ला (puppy) दिखाते हुए देखते हैं, तो हम उसको appreciate करेंगे। अगर हम एक सेकंड में एक पिल्ला (puppy) की 50 तस्वीरें देखते हैं, तब हमारा रेटिना उन्हें अलग नहीं कर सकता है, इसलिए ऐसा लगता है कि पिल्ला (puppy) चल रहा है।
क्या हम आँख बंद करके सीधा चल सकते हैं?
शायद नहीं, जब तक कि व्यक्ति को ऐसा करने के लिए प्रशिक्षित (trained) नहीं किया जाता है।
एक व्यक्ति का संतुलन तीन कारकों (factors) पर निर्भर करता है।
1. दृष्टि (Vision) :- दृष्टि हमें अपने शरीर को पर्यावरण के अनुकूल बनाने में मदद करती है। हम हमारी आँखों का उपयोग वस्तुओं को देखने, एक लक्ष्य निर्धारित करने, और खुद को एक सीधे रास्ते पर पर निर्देशित करने के लिए करते हैं। दृष्टि हमें अपने शरीर को पर्यावरण में समायोजित करने में मदद करती है।
2. भीतरी कान (Inner ear) :- भीतरी कान में ‘वेस्टिबुलर उपकरण’ नामक एक भाग होता है। यह गुरुत्वाकर्षण के संबंध में हमारे शरीर की स्थिति की जानकारी भेजकर शरीर का संतुलन बनाए रखता है|
3. Proprioceptors (शरीर और उसके अंगों की स्थिति और स्थान और अभिविन्यास और गति को समझने की क्षमता) :- हमारे जोड़ों, स्नायुबंधन में कई रिसेप्टर्स (receptors)
जैव रसायन और औषध विज्ञान में, रिसेप्टर्स रासायनिक संरचनाएं हैं, जो प्रोटीन से बनी होती हैं, जो सिग्नल प्राप्त करती हैं और ट्रांसड्यूस करती हैं जिन्हें जैविक प्रणालियों में एकीकृत किया जा सकता है।) और मांसपेशियां होते हैं। ये रिसेप्टर्स मस्तिष्क को लगातार संकेत भेजते हैं इसलिए हम एक दूसरे के संबंध में अपने शरीर के अंगों की स्थिति जानते हैं।
ये तीन कारक हमारे शरीर के संतुलन को बनाए रखने के लिए मिलकर काम करते हैं इसलिए हम गिरना या कोई असंगठित हरकत करना इस तरह की चीजे नहीं करते हैं।
हम सीधे क्यों नहीं चल सकते?
यदि उपरोक्त तीन प्रणालियों में से कोई भी क्षतिग्रस्त या उपयोग में नहीं आती है, तो व्यक्ति सीधे रस्ते से भटकने लगता है।
उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति अपनी आँखें बंद कर लेता है तो वो तब तक सीधे नहीं चल सकता जब तक कि उनके पास विशेष प्रशिक्षण न हो।
ज्यादातर लोगो की सीधे रस्ते से दायीं ओर (right side) बढ़ने की प्रवृत्ति होती है अगर वे अपनी आंखे बंद करके सीधा चलने की कोशिश करें।
कलर ब्लाइंडनेस वाले लोगों को क्यों वाहन चलाने की सलाह नहीं दी जाती है?
वर्णान्धता Color blindness (रंग-बोध की अक्षमता) वाला व्यक्ति कुछ रंगों को नहीं पहचान सकता। सबसे अधिक सामान्य रंग (common color) अंधापन ‘लाल-हरा रंग’ अंधापन है। नौ प्रतिशत
पुरुष आबादी में कुछ उस तरह का लाल-हरा अंधापन है। लाल-हरे रंग का अंधापन एक ‘एक्स-लिंक्ड’ विकार के रूप में विरासत में मिला है। इसका मतलब है कि यह नर में ही होता है।
एक नेत्र रोग विशेषज्ञ वर्णांधता (Color blindness) का पता लगाने के लिए रंग प्लेटों के एक सेट का उपयोग करता है, जिसे इशिहारा चार्ट कहा जाता है,
अगर लोगों को लाल और हरे रंग के रंग भेद (color differentiation) से कोई समस्या है, तो ट्रैफिक लाइट के रंगों को देखना उनके लिए मुश्किल होगा। कुछ लोग सोचते हैं कि वे उस कमी की पूर्ति कर सकते हैं क्योंकि उनको लगता है की वे रोशनी की स्थिति से परिचित हैं। यदि प्रकाश की तीव्रता में परिवर्तन होता है, तो उन्हें पता चल जाएगा कि कौन सी ट्रैफिक लाइट बदली है।
लेकिन, अपने मूल परिवेश से दूर होने पर या तनाव में गाड़ी चलाना उनके लिए खतरनाक होगा और वे अन्य ड्राइवरों के लिए भी जोखिम होंगे।
जब हम तेज रोशनी से अंधेरे कमरे में जाते हैं तो हम ठीक से क्यों नहीं देख पाते हैं: हमारी आंखों के रेटिना में दो तरह के रिसेप्टर्स (receptors) होते हैं
रंग देखने के लिए शंकु (Cones for seeing color)। जब हम किसी रोशनी वाले क्षेत्र में जाते हैं, तो शंकु (Cones) हमारा नज़रिया (vision) प्रदान करता हैं
रंग और वस्तुएं उज्ज्वल दीखाई देती हैं। शंकु द्वारा इस प्रकार की दृष्टि को ‘फोटोपिक दृष्टि’ कहा जाता है।
रात्रि दृष्टि के लिए छड़ (Rods for night vision)। जब हम अंधेरे क्षेत्र में होते हैं, तो छड़ें (Rods) दृष्टि प्रदान करती हैं जिसे ‘स्कोटोपिक विजन’ कहा जाता है हम चीजों को ग्रे या काले रंग में देखते हैं और अंधेरे में वस्तुओं या रंगों को Details में नहीं देख सकते हैं और ना ही सराहना कर सकते हैं।
जब हम तेज रोशनी से अंधेरे क्षेत्र में जाते हैं, तो हम कुछ समय के लिए बहुत अच्छी तरह से नहीं देख पाते हैं जबकि छड़ें (Rods) शंकु की तुलना में अधिक धीरे-धीरे अनुकूलित होती हैं। इसलिए छड़ों (Rods) को उनकी पूर्ण कार्यक्षमता प्राप्त करने के लिए 25 से 60 मिनट लग सकता है।
प्याज काटते वक्त आंसू क्यों आते हैं?
प्याज में सल्फर यौगिक होते हैं जो हमारी आंखों में जलन पैदा करते हैं।
जब हम प्याज काटते हैं, तो हम प्याज की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। सिंथेस एंजाइम
प्याज की कोशिकाओं में अमीनो एसिड के संपर्क में आता है जिसे सल्फ़ोक्साइड (sulfoxides) कहा जाता है। ये सल्फ़ोक्साइड (sulfoxides)
सल्फेनिक अम्ल (Sulfenic acid) में परिवर्तित हो जाते हैं
प्याज काटने पर कौन सी गैस निकलती है?
यह अस्थिर सल्फेनिक एसिड प्रोपेनेथिओल-एस ऑक्साइड गैस में परिवर्तन हो जाता है
जब यह सल्फ्यूरिक एसिड आँखों में नमी से मिलाता है तो फिर यह एसिड परेशान करता है
इसलिए हमारी अश्रु ग्रंथियां आँसू उत्पन्न करता है
:- जलन को कम करने के लिए पानी के नीचे आपका प्याज धो लें।
हमें लगातार अपनी आँखें क्यों झपकानी पड़ती है: हम हर पांच से सात सेकेंड में एक बार अपनी आंखें झपकाते हैं। अधिकतर, हम में से यह भी नहीं जानते हैं कि हम अपनी आँखें झपका रहे हैं।
यदि आप जानबूझकर कुछ मिनटों के लिए अपनी आँखें खुली रखते हैं और कुछ देर रुक जाते हैं तो इसके बाद पलक झपकते ही लगने लगेगा कि वे थोड़ी देर बाद सूख गई हैं।
जब आप अपना टीवी या कंप्यूटर देख रहे हों और कुछ देर के लिए पलक झपकाना भूल जाते हैं। तो आपको यह सूखापन महसूस होगा
आपकी पलकों के नीचे ‘मेइबोमियन ग्लैंड्स’ नामक कुछ ग्रंथियां होती हैं। ऑयली इन ग्रंथियों से निकलने वाले स्राव आंसुओं के साथ मिल जाते हैं और उन पर एक नम परत रख देते हैं यह नम परत आपकी आंखों की सतह को शुष्क होने से बचाती है।
अगर आंखें कंजंक्टिवा (आंख का सफेद भाग) और कॉर्निया (काली क्षेत्र) आपकी आंख का केंद्र) क्षतिग्रस्त हो सकता है और संक्रमित हो सकता है। साथ ही जब हम पलकें झपकाते हैं तो आंखें हमारे शरीर पर जमा होने वाली धूल से भी सुरक्षित रहती हैं
आँखों के सूखने पर क्या होता है? जब कंजाक्तिवा और
कॉर्निया कुछ समय के लिए शुष्क रहता है, सतह के छोटे-छोटे भाग मिट जाते हैं।
इलाज न कराने पर वे संक्रमित हो जाएंगे। जब आँखे सूख जाये और कोई आँसू या स्राव न मिले तो इसे ‘ज़ेरोसिस’ कहा जाता है।
यदि आप खुली जगहों पर रहते हैं जहां बहुत हवा है, तो आपको सामान्य से अधिक बार आपकी आंखों पर हवा के शुष्क प्रभाव को रोकने के लिए अधिक पलकें झपकाने की जरूरत है
जब आप पिकनिक या किसी पार्टी में जाते हैं, तो आप अपना कैमरा अपने साथ ले जा सकते हैं
अपने और अपने दोस्तों की तस्वीरें प्राप्त करने के लिए सही? लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके शरीर में दो कैमरे Already होते हैं।
वे तुम्हारी आंखें हैं! हर आंख एक कैमरे की तरह काम करती है। जिस तरह आप अपने कैमरे को विषय पर केंद्रित करते हैं (Focus on center) और छवि (picture) को प्राप्त करने के लिए बटन पर क्लिक करते हैं
तो फिल्म में छवि (picture) दीखाई देती है, इसी तरह आप अपनी आंख को विषय पर केंद्रित करते हैं और छवि को रेटिना पर प्राप्त करते हैं।
आँख की पुतली = कैमरे का खुलना (प्रकाश का गुजरना है) Opening of the camera (Light passes through
आँख का लेंस = कैमरे का लेंस (विषय पर ध्यान केंद्रित करता है। (Focuses on the subject) हम कैमरे के लेंस को समायोजित करते हैं
आँख की रेटिना = कैमरे की फिल्म (चित्र छवि बनाई जाती है)
मनुष्य दिन के बजाय रात में क्यों सोते है:
यह सवाल सुनाने में थोड़ा अजीब लगता है पर हमें रात को ही अच्छी नींद आती है इसके पीछे की वजह क्या है आज हम जानेंगे।
प्रकाश हमारे नींद पर असर करता है पर जब रात में अँधेरा होता है तब मेलाटोनिन हमारे मस्तिष्क के पीनियल में उत्पन्न एक हार्मोन है हमारा मस्तिष्क मेलाटोनिन नामक एक रसायन बनाता है जो हमें नींद देता है। रात में अँधेरा होने के कारण मेलाटोनिन हमारे मस्तिष्क को संकेत भेजकर हमे नींद के लिए प्रभावित करता है।
यह संकेत भेजने पर हमारा शरीर शारीरिक रूप से रिलेक्स होकर नींद लेने को प्रभावित होता है। और हमें रात के दौरान नींद आजाती है।
सुबह मेलाटोनिन का स्तर कम होता है दिन भर उसका स्तर कम रहता है जब रात होती है अँधेरा होता हे तो उसका स्तर धीरे धीरे बढ़ता है और हमें नींद के लिए प्रभावित करता है। इस लिए हमें अच्छी सी नींद के लिए अंधरे की आवश्यकता होती है।इस लिए हम रात में अच्छी तरह नींद ले पाते है।
अभी के समय में रात में देर तक नींद नहीं आती उसका कारण लाइट है। अभी के समय में लाइट के सोर्स इतने बढ़ गए है की कभीकभी नींद आना मुश्किल हो जाता है।
रात में देर तक टीवी या मोबाइल यूज करने पर आपको नींद नहीं आती उसका कारण मोबाइल और टीवी जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में से निकलती ब्लू लाइट है जो आपको रात में भी नींद आने नहीं देती और आप देर रात तक मोबाइल या टीवी देखते है।
मोबाइल कंपनिया भी अब स्मार्ट फ़ोन में एक फीचर्स देते है नाईट मूड का जिससे हमारी मोबाइल की स्क्रीन पिली जैसी हो जाती है। जिससे हमें रात में मोबाइल यूज करने में ब्लू लाइट से परेशानी न हो और हमें अच्छी तरह से नींद आए।
जागने पर आराम और तरोताजा महसूस करने के लिए, अधिकांश वयस्कों को 7-8 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है, हालांकि यह संख्या व्यक्तियों में भिन्न होती है। नतीजतन, हमारे जीवन का एक बड़ा हिस्सा इस रहस्यमयी अवस्था में व्यतीत होता है।
शिशुओं के लिए, आवश्यकता बहुत अधिक होती है (दिन में लगभग 16 घंटे), और किशोरों को औसतन लगभग 9 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है।
जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है, वे अधिक हल्के और कम समय के लिए सोते हैं, हालाँकि अक्सर उन्हें उतनी ही नींद की आवश्यकता होती है जितनी जल्दी वयस्कता में होती है। बहुत कम नींद लेना एक “नींद का कर्ज” बनाता है जिसे बाद के दिनों में चुकाना होगा।
इस बीच, निर्णय, प्रतिक्रिया समय और अन्य कार्य बिगड़ा हुआ है। जो ड्राइवर पहिए पर सो जाते हैं, उनका अनुमान है कि सालाना लगभग 56,000 यातायात दुर्घटनाएँ और 1,500 राजमार्ग मौतें होती हैं।
मनुष्य को कितने घंटे की नींद की आवश्यकता होती है?
3 महीने का नवजात 14 – 17 घंटे
4 से 11 महीने की उम्र 12 – 15 घंटे
1 से 2 साल की उम्र 11 – 14 घंटे
3 से 5 साल की उम्र 10 – 13 घंटे
6 से13 साल की उम्र 9 – 11 घंटे
14 से 17 साल की उम्र 8 – 10 घंटे
युवा वयस्क (18 से 25 वर्ष) 7 – 9 घंटे
वयस्क (26 से 64 वर्ष) 7 – 9 घंटे
बड़े वयस्क (65+) 7 – 8 घंटे
मनुष्य जन्म लेने के बाद तुरंत क्यों नहीं चल पाता? ज्यादातर स्तनधारी जिव इस पृथ्वी पर ऐसे है जो अपने बच्चे को जन्म देने के बाद तुरंत ही उनके बच्चे चलने लगते है जैसे की घोड़ा ,हाथी ,गाय ,बकरी ,भैंस पर मनुष्य के शिशु जन्म लेने के बाद 1 साल तक का समय लेते है तब वे चलना सीखते है। आज हम जानेंगे ऐसा क्यों होता है ?
आपने यह तो जरूर सुना होगा की मनुष्य पहले दो पेरो से नहीं बल्कि हाथ पैरो का उपयोग करके चलते थे जैसे जानवर चलते है। धीरे धीरे समय बितने पर मनुष्य दो पेरो पर चलने लगा दो पेरो पर चलने पर वह कम ऊर्जा का उपयोग करके दूर तक तेजी से जा सकता था दो पैर पर चलने के कारण धीरे धीरे समय बितने पर मनुष्य के शरीर में थोड़े थोड़े बदलाव आए (मादा ) की योनि मार्ग जंहा से बच्चे का जन्म होता है वह मार्ग छोटा हो गया।
मनुष्य का दिमाग बड़ा होता है इसलिए मनुष्य विकसित होने वाले मस्तिष्क के साथ जन्म नहीं ले सकता है क्योंकी शिर बड़ा होने पर मादा अपने शिशु को जन्म देने में असमर्थ रहती है (योनि मार्ग में से जन्म नहीं दे पाती) इसलिए मनुष्य का दिमाग जन्म लेने के बाद भी पूरी तरह से विकसित नहीं होता है जबकि दूसरे प्राणिओ के बच्चो के दिमाग (घोडा ,गाय ,हाथी ) विकसित होते है।
मनुष्य चार पैरो से नहीं बल्कि 2 पैरो से चलता है और 2 पैरो पर चलने के लिए दिमाग उतना तो विकसित होना जरुरी होता हे जो अपने शरीर को चलने वक्त नियत्रित (बैलेंस ) करा सके। मनुष्य के मस्तिष्क 1 साल बाद उतना विकसित हो जाता है जो अपने शरीर को बैलेंस कर सके। इसलिए मनुष्य जन्म लेने बाद तुरंत चलने में असमर्थ हे।
मनुष्यों को हमारे पूर्वजों से अलग करने वाले पहले लक्षणों में से एक सीधा चाल था। इस विशेषता के उद्भव के बारे में कई परिकल्पनाएं हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि सवाना जैसे खुले वातावरण में अधिक कुशलता से आगे बढ़ने का एक तरीका पेश किया है।
यद्यपि हमारे शुरुआती मानव पूर्वज अपने दिमाग के मामले में बहुत ही समान थे, उनकी सीधी चाल ने उनके श्रोणि को हमारे आधुनिक की तरह दिखने के लिए बदल दिया था। यह नया आकार देने वाली श्रोणि एक संकरी जन्म नहर के साथ आई, जिससे बच्चे का जन्म और अधिक कठिन हो गया।
जब हम हंसते है तो 17 मांसपेशियों का इस्तेमाल करते है: दुनिया में ऐसा कोई भी देश नहीं है जहां महिलाओं से अधिक औसत पुरुष ज्यादा जीवित रहते हो। दुनिया में सबसे ज्यादा जीवित रहने वाले 10 व्यक्ति महिला ही हे।
150000 फूलों में से केसर लगभग 1 किलो जितना ही मिलता है इसलिए केसर दुनिया का सबसे महंगा मसाला कहा जाता है।
आपने गैस के सिलेंडर में ऐसे छेद निचले भाग में जरूर देखे होंगे ये छेद फ्रेश हवा के फ्लो को बनाए रखने में मदद करते हैं ताकि फ्रेश हवा मिलने पर सिलिंडर ठंडा रहता है।
दुनिया में सबसे महंगे स्पीकर डोनाल्ड ट्रंप हे जो 2007 में एक सेमिनार में स्पीच देने के लिए 10 करोड़ 40 लाख रुपए लिए थे और स्पीच सिर्फ एक घंटे की दी थी।
भारतीय तिरंगे पर कुछ भी लिखना या तिरंगे का कुछ भी बनाना गैरकानूनी है।
जब हम हसते हे तो 17 मांसपेशियों का इस्तेमाल करते हे और जब गुस्सा करते हे तो 43 माँसपेशिओ का इस्तेमाल करते हे।
ग्रामीण भारत में मजदूरी करने वाला व्यक्ति यदि किसी कंपनी के टॉप पोस्ट पर बैठे व्यक्ति के बराबर धन कमाना चाहता है तो उसे 941 साल लग जाएंगे।
पानी में मृतदेह सबसे जल्दी सड़ने लगता है।
जब आप किसी को जुनून से चुंबन देते हैं तो उनके DNA कम से कम 1 घंटे तक आपके मुंह में रहते हैं।
ठंडी के दिनों में पानी पर पूरा बर्फ हो जाने के बावजूद भी जलीय जीव जीवित रहते हे क्योंकि बर्फ से पूरा पानी ढक जाने के बावजूद भी नीचे की और 4 सेल्सियस जितना तापमान संतुलित रहता ही है बर्फ सिर्फ ऊपर की ओर ही रहता है नीचे केवल पानी ही होता है।
जब हम सर्दी की ऋतु में कुए का पानी पीते हे तो हमें गर्म लगता हे और गर्मी की ऋतु में ठंडा लगता हैं क्योंकि हमारे आसपास का वातावरण बदलता रहता है धरती का पानी एक ही तापमान में रहता है। बाहर के वातावरण की वजह से हमें पानी ठंडा गर्म लगता हे।
दो आंखें होने का क्या फायदा हैं? दो आँखों से देखने को ‘द्विनेत्री दृष्टि कहते हैं। (‘द्वि’ का अर्थ है दो,’ओकुलर’ का अर्थ है आंखें)। आपके सामने टेबल पर पेंसिल रखो। केवल अपनी दाहिनी आंख को धीरे से बंद करें और पेंसिल को देखो।
अब, बिना सिर या पेंसिल हिलाए, अपनी दाहिनी आंख खोलो और केवल अपनी बाईं आंख को धीरे से बंद करें।
जब आप इसे ठीक से करेंगे, तो यह कुछ ऐसा लगेगा जैसे पेंसिल अलग-अलग स्थिति में दिखाई देती है जब तुम्हारी प्रत्येक आँखों द्वारा देखा जाता है
अब अपनी दोनों आंखें खोलो और पेन्सिल को देखो।
पेंसिल की स्थिति का पता लगाने के लिए आपका मस्तिष्क थोड़ा-सा अलग छवि के रूप में आपकी प्रत्येक आंख से यथासंभव सटीक उपयोग करता है।
जब मस्तिष्क को दो रेटिना से दो चित्र प्राप्त होते हैं (जब दोनों आँखें खुली हो), यह दोनों छवियों को सही ढंग से संसाधित करता है और वस्तु की गहराई और दूरी की व्याख्या करता है।
यदि एक आंख बंद हो जाती है, तो मस्तिष्क को रेटिना से इसकी तुलना करने के लिए केवल एक ही छवि प्राप्त होती है दूसरी नहीं होती है।
फिर, आप वस्तु को कैसे देखते हैं यह उस एकल क्षेत्र में कैसा दिखता है।
जिन लोगों की एक आंख की रोशनी खराब होती है, उनके लिए कप में कॉफ़ी डालना मुश्किल होता है उन्हें पानी डालने में, चीजों को उठाना आदि में दिक्कत होती है। द्विनेत्री दृष्टि आपको वस्तु की सही स्थिति जानने में मदद करती है
हवाईजहाज में खिड़की के नीचे छोटा सा छेद क्यों होता है:
क्या आप जानते है ? – रोचक जानकारियां हवाईजहाज में थोड़ा कर नीचे छोटा सा छेद क्यों होता है।
जनरल नॉलेज हिन्दी दोस्तों आपने कभी Aeroplan में आप जानते होंगे किया हो तो आपको पता होगा हवाई जहाज की Window Seat का अपना ही अलग मजा होता है। वहां से आपको बाहर कर बेहतरीन मनमोहक प्राकृतिक नज़ारे देखने को मिलते है।
पर आपने कभी ध्यान दिया होगा की हवाई जहाज की window कर नीचे एक छोटा सा hole दिया होता है। आखिर ये hole क्यों होता है आपको पता है ?
इससे जुड़े मजेदार या रोचक तथ्य है जो इस तरह है।
इस छोटे छेद की उपयोगिता हजारो फ़ीट ऊंचाई पर हवाई जहाज की गति या उसे संतुलित करने, यात्रियों को सफोकेसन से बचाने कर लिए होता है। इसके अलावा यह छेद हवाईजहाज की थोड़ा पर पड़ने वाले दबाव को भी कम करने कर लिए बनाया जाता है।
35000 फ़ीट पर हवा pressure अधिक होता है इस कारण से हवाई जहाज कर शीशे इस तरह बने होते है जो इस pressure को झेल सके हर थोड़ा में तीन शीशे होते है या यह छेद बीच वाले शीशे पर होता है।
आपको ये जानकारी हैरानी होगी की एक Commercial Plane प्लेन में भी कोई Fighter Jet की तरह सीधा आसमान की ओर उड़ान भर सकता है। ये उसमे लगे दूसरे Engine की मदद से संभव है पर यात्री विमान होने कर नाते Pilot को इसके अनुमति नहीं होती है। इसका उपयोग केवल कोई विषम परिस्थितयों में ही किया जा सकता है।
ये बात शायद आपको पता हो की हवाई जहाज में मिलने वाली खाने की चीजों में नमक की मात्रा अधिक होती है। ऐसा इस कारण से क्यूंकि ज्यादा उचाई पर हमारे मुँह का स्वाद बदल जाता है या हवाई जहाज में मिलने वाले चीजों को खाते वक़्त बिलकुल भी नहीं लगता की उसमे नमक अधिक है। पर अगर वही वस्तु आप नीचे लाकर खाएंगे तो उसमे आपको नमक का स्वाद अधिक लगेगा।
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दोस्तों ये आर्टिकल जनरल नॉलेज की बातें | samanya gyan ki baate अच्छा लगे तो शेयर जरूर करे
सामान्य ज्ञान यानी जनरल नॉलेज क्या है?
“बेसिक जनरल नॉलेज” या सामान्य ज्ञान शब्द का उपयोग उस तरह की जानकारी को इक्क्ठा करने के लिए किया जाता है जिसे आमतौर पर ज्यादातर लोगों द्वारा जाना जाता है या उसे ज्यादा लोग जानते सुनते है और अपने रोजमर्रा के काम में लेते है। जैसे इतिहास, घटनाऐ, प्रकृति एवं बहुत कुछ के बारे में तथ्य हो सकते हैं। कई मामलों में, जनरल नॉलेज को सामान्य ज्ञान माना जाता है।
GK ki full form क्या है?
जनरल नॉलेज को ही शार्ट फॉर्म में GK कहते है