शार्ट फनी जोक्स इन हिंदी: रास्ते में डॉक्टर को रोककर एक व्यक्ति ने पूछा – डॅाक्टर साहब, छाती में दर्द होने पर क्या करना चाहिए? लोग डॉक्टर से कई बार इसी तरह सलाह ले चुके थे और उसकी फीस भी नहीं दी गई थी। इसीलिए मरीज को क्लीक्निक पर आने का संकेत करने के लिए वे बोले – करना क्या चाहिए, यही, किसी अच्छे डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
अच्छी बात है। मैं किसी अच्छे डॉक्टर के यहां जाऊंगा, अभी जाता हूं।
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बस कन्डक्टर ने सूचना दी – चर्चगेट आ गया, जिसे उतरना है, फौरन उतरे।
जरा देर रुकना। एक लड़की की मधुर आवाज आयी, जरा मैं अपने कपड़े उतार रही हूं।
सब यात्री बड़ी उत्सुकता से उस और देखने लगे, जिधर से आवाज आयी थी। यह लड़की लॅाण्ड्री से लिये कपड़ों का गट्ठर बस से उतार रही थी।
शार्ट फनी जोक्स इन हिंदी
एक लेखक महोदय रात डेढ़ बजे मकान मालिक के दरवाजे पर पहुंचे
दरवाजा खोलते हुए चिढ़े स्वर में मकान मालिक ने पूछा – क्या बात है?
लेखक महोदय – मैं यह कहने आया हूं कि इस माह मैं किराया नहीं चुका पाऊंगा।
मकान मालिक – ओफ्फोह! मगर यह बात तो आप सुबह भी आकर कह सकते थे!
लेखक महोदय ने कहा – हां, पर मैं अकेला रात भर चिन्ता में जागूं, यह मुझे कुछ जंच नहीं रहा था।
मोहन व्यस्त सा कनॉट प्लेस चला जा रहा था। उसे न दुकानों की रंगीनियां दीख रही थी, न सड़क की रंगीनियां।
अचानक किसी ने उसका हाथ पकड़ कर नमस्ते किया।
अरे हरीश, तुम यहां कैसे? उसने प्रसत्रतापूर्वक मित्र से हाथ मिलाया।
यार, एक जरूरी काम से आया था। अब जब यहां पहुंच गया हु, तब मुझे पता चला कि पैसे मैं घर भूल आया हूं। क्या तुम मुझे दस रुपये दे दोगे? मैं जल्दी लौटा दूंगा।
कोई बात नहीं, हरीश। वक्त पड़ेने पर दोस्त काम न आये तो वह दोस्त कैसा? जेब में हाथ डालता हुआ मोहन बोला।
बहुत-बहुत धन्यवाद। हरीश ने गद्गद् कण्ठ से कहा।
काफी देर जेब टटोलने के बाद मोहन का हाथ बाहर आया, लो, यह दो रुपये। बस से घर जाकर अपना पर्स ले आओ।
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रेडियो स्टेशन के लिए एक कलाकार का चुनाव करते समय
मनोवैज्ञानिक – तुम्हारा शौक?
उम्मीदवार – हास्य अभिनय।
मनोवैज्ञानिक – अच्छा, कोई नमूना बताओ।
उम्मीदवार तत्काल अपने स्थान से उठा और कमरे से बाहर आकर प्रतीक्षा करते अन्य उम्मीदवारों से बोला – भाई, आप लोग तशरीफ ले जाइए, मैं चुन लिया गया हूं।
और वाकई में उसे चुन लिया गया।
गुप्ता जी दफ्तर में बैठे थे। उनका बड़ा लड़का घबराया अन्दर घुसा – डैडी, मेरी वजह से एक लड़की मुसीबत में फंस गई है। वह चुप रहने के पांच हजार मांगती है।
गुप्ता जी ने अनमने भाव से चेक काट दिया।
तभी उनका छोटा लड़का आया और उसने वही दास्तां दुहराई।
उसकी लड़की सात हजार रूपये मांगती थी।
गुप्ता जी ने उसे घूरा और फिर चेक काट दिया।
सहसा उनकी लड़की कमरे में घुसी और सोफे पर बैठकर रोने लगी।
कारण पूछने पर बोली – डैडी, मैंने बड़ा।
धोखा खाया।
मैं मां बनने वाली हूं।
गुप्ता जी की बांछें खिल गई। कुर्सी से उठकर वे पुत्री की कमर ठोकते हुए बोले – अब बटोरने की मेरी बारी है।
Jokes in Hindi
एक घबराया हुआ व्यक्ति डॉक्टर की दुकान में घुसा और बोला – जल्दी, जल्दी, डॉक्टर!
मेरे पेट में से सोने की गित्री निकालिए, जिसे मैंने पांच साल पहले निगल लिया था।
डॉक्टर ने पूछा – पांच साल पहले! तो तुमने तभी डॉक्टर को क्यों नहीं दिखाया?
तब मुझे रुपयों की आवश्यकता नहीं थी।
पप्पू – मैं तो हर जगह अपने दर्जी की तारीफ करता हूं। जो भी मेरा कपड़ा वह सीता है, बिलकुल फिट बैठता है।
लप्पू – मेरे दर्जी ने तो बस, एक चीज बनाई थी जो मेरे फिट आती है।
पप्पू – वह क्या?
लप्पू – अपनी बेटी।
एक अंधेरी सड़क पर जाते हुए हेमन्त को कोई फटेहाल अजनबी मिला।
वह गिड़गिड़ाया – भगवान के लिए एक गरीब फटे हाल आदमी पर रहम करो और करोगे ही जिसके पास दुनिया में अपना कहने को कुछ नहीं है सिवाय इस पिस्तौल के।
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भगवान विष्णु को सिंहासन में कुछ गड़बड़ी लगी तो चौंककर लस्सी जी से बोले – देवी, मेरा सिंहासन डोल रहा है। जरा चार्ट में देखो तो सही, भला कौनसा भक्त संकट में है?
लक्ष्मी देवी ने चिढ़कर कहा – हमेशा कार्यालय की बात मत सोचा कीजिये। सिंहासन के नीचे मेरा वाहन पंख फड़फड़ा रहा है।
महिला – कौन जयादा संतुष्ट है – जिसके पास दस लाख रुपये हैं या जिसके दस बच्चे?
पुरुष – जिसके दस बच्चे हैं।
महिला – वह कैसे?
पुरुष – जिसके दस बच्चे हैं, वह और अधिक नहीं चाहता, जबकि जिसके पास दस लाख रूपये हैं, वह और ज्यादा चाहता है?
ईस्टर के त्योहार पर अंडों को अलग अलग रंग से रंग दिया जाता है। एक अनुभवी मुर्गी वर्षों से यह देख रही थी। सो अपनी मालकिन की सहायता के लिए उसने स्वयं ही सब अंडों को अलग अलग रंग से रंग दिया।
मुर्गा आया, उसने लाल, नीले, हरे अंडों को देखा और गुस्से में भरकर घर की दीवार फांद गया और दूसरी और पड़ोस में रहते हुए मोर की हत्या कर दी।
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पार्लियामेंट के लिए चुनाव लड़ने वाला निर्दलीय उम्मीदवार बोला – इस बार मैं अवश्य जीत रहा हूं। लेकिन किसी दल में शामिल नहीं होऊंगा। अपने माथे पर लिख लूंगा – किराये के लिए खाली है।
उसके चाचा ने कहा – लिखने की क्या जरूरत है, यह तो सब जानते है कि वह खाली है।
नौकरानी से तंग आकर सेठानी बोली – देखो आया, तुम अपनी तनख्वाह से ज्यादा तो बरतन तोड़ देती हो हर महीने, फिर बताओ हम क्या करें।
कुछ देर सोचकर नौकरानी ने जवाब दिया – मालकिन, मेरी तनख्वाह बढ़ा दीजिए।
शार्ट फनी जोक्स इन हिंदी – Jokes in Hindi