श्रीमद्भगवद्गीता श्री कृष्ण अनमोल वचन: प्यारे दोस्तों आपका हमारे ब्लॉग पर स्वागत है अभी मैं इस ब्लॉग पर इंडिया की लोकप्रिये या जाने माने ग्रन्थ Shrimad bhagavata Gita Slokas in Hindi श्रीमद भगवत गीता के अत्याध्य्मिक शिक्षा (Supernatural Knowledge) को शेयर कर रहा हूँ।
यह पवित्र और बेहद महान ग्रन्थ महाभारत के मुताबिक कुरुक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण के द्वारा अर्जुन को दिए गए महान उपदेश का एक उपनिषद् है। इसमें एकेश्वरवाद, कर्म योग, ज्ञानयोग, भक्ति योग की बहुत ही खूबसूरत तरीके से बात की गई है।
यदि हम आपको सरल भाषा में समझायें तो जिंदगी जीने की अनोखी कला या पवित्र शक्ति की व्यख्या की गई हैं।
दोस्तों नीचे आपको श्रीमद भगवद गीता के कुछ बहुत ही मुख्य कर्म से जुड़ीं अनमोल वचनों Bhagavad Gita Quotes in Hindi में प्रस्तुत कर रहा हूँ।
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श्रीमद्भगवद्गीता श्री कृष्ण अनमोल वचन
- केवल मन ही हमारा मित्र या शत्रु होता है।
- नरक के तीन द्वार हैं – वासना, गुस्सा या लालच।
- वो जो सारी इच्छाएं उमीदो को त्याग देता है और ‘मैं’ या ‘मेरा’ की लालसा और
- भावना से मुक्त हो जाता है उसे सुख और शांति प्राप्त होती है।
- आप उसके लिए या उन चीजों के लिए शोक करते हो जो शोक करने के लायक नहीं है,
- और फिर भी शिक्षा और ज्ञान की बात करते हो, समझदार इंसान ना जीवित या ना ही मरे हुवे इंसान के लिए शोक करते हैं।
- जो होता है वह अच्छे के लिए होता है,और जो हो रहा है वह भी अच्छे के लिए ही हो रहा है, और जो होने वाला है वह भी अच्छे के लिए ही होगा, हमेशा अच्छा सोचो और अच्छे लोगो के बिच रहो।
- मेरे लिए ना कोई इंसान घृणित है ना प्रिय किंतु जो इंसान भक्ति के साथ मेरी आराधना करते हैं, वह मेरे साथ हैं या मैं भी उनके साथ हु।
- जब वे खुद कार्य में मज़ा खोज लेते हैं तब वे पूर्णता प्राप्त करते हैं।
- मेरा-तेरा, छोटा-बड़ा, अपना-पराया, मन से मिटा दो फिर सब आपका है और आप सबके हो।
- इतिहास कहता है कि कल सुख था, विज्ञान कहता है कि कल सुख होगा, परन्तु धर्म कहता है..कि यदि मन सच्चा या दिल बेहतर हो तो हर प्रतिदिन सुख होगा।
Top Shrimad bhagavata Gita Slokas in Hindi
- जीवन ना तो आनेवाले कल में है और ना ही अतीत में था, जीवन तो सिर्फ इस क्षण में है अर्थात इस क्षण का अनुभव ही जिंदगी है।
- आज जो कुछ आपका है, पहले किसी और इंसान का था और भविष्य में किसी और इंसान का हो जाएगा, परिवर्तन ही दुनिया का नियम है।
- जो अपने मन को कंट्रोल नहीं करते या करना नहीं जानते तो उनके लिए वह दुश्मन के बराबर काम करता है।
- एक इंसान जो चाहे वो बन सकता है अगर वह विश्वास के साथ इच्छित चीज पर चिंतन करें।
- एक व्यक्ति खुद विश्वास (आस्था) से बना होता है। जैसा वह विश्वास करता है वैसा ही वो बन जाता है।
- इसलिए कहते है की इंसान जो सोचता है वो वैसा अवचेतन मन से करने लगता है उसकी हरकते वैसी होने लगती है, उसकी सोच के अनुसार इसलिए ये कहावत या मुहावरा एकदम सटीक बैठता है की जो जैसा सोचेगा वो वैसा बन जायेगा।
- कर्म मुझे बांधता नहीं, क्यूंकि मुझे कर्म के प्रतिफल की किसी प्रकार की कोई इच्छा ही नहीं है।
- अपने अनिवार्य कार्य करो, क्योंकि यथार्थ में कार्य करना निष्क्रियता से अच्छा है।
- फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही खुद अपनी जिंदगी को सफल बनाता है।
- सदैव सन्दहे करने वाले इंसान के लिए प्रसन्नता ना इस लोक में है ना ही कही और है।
- सज्जन नर अच्छे आचरण वाले सज्जन पुरुषो में, नीच नर नीच इंसानो में ही रहना चाहते है।
- स्वाभाव से पैदा हुई जिसकी प्रकृति है उस प्रकृति को कोई इंसान छोड़ना नहीं चाहता।
- दैवीय सम्प्रदा से युक्त नर में भय का सर्वथा आभाव और सबके प्रति प्यार का भाव होता है।
- जो होने वाला है वो होकर ही रहेगा और जो नहीं होने वाला है वो कभी नहीं होगा, चाहे अपनी एड़ी से सर तक का पूरा जोर लगा दो आप अपने मुकदर के ख़िलाफ़ कभी नहीं जा सकते ऐसा निश्चय या ऐसी सोच जिनकी बुद्धि में होती है उन्हें चिंता कभी नहीं सताती है।
- पूर्णता के साथ दुसरो के जिंदगी की नकल कर जीने की तुलना में अपने आप को पहचानकर अपूर्ण रूप से जीना अच्छा है।
- समय से पहले या भाग्य से ज्यादा किसी को कुछ नहीं मिलता है और ना कभी मिला है।
- इंसान खुद विश्वास से निर्मित होता है, जिस तरह वह विश्वास करता है उसी तरह वह बन जाता है।
- अच्छा काम करने के बावजूद भी लोग सिर्फ आपकी बुराइयाँ ही याद रखेंगे, ये मानव की एक प्रकृति है, इसलिए लोग क्या कहते है इस पर अपना दिमाग मत लगाओ अपना काम खुद करते रहो।
- बुरे कर्म करने वाले, सबसे नीच इंसान जो राक्षसी प्रवित्तियों से जुड़े हुए हैं, और जिनकी बुद्धि माया ने हर ली है वो मेरी आराधना और मुझे पाने का प्रयास नहीं करते।
- जो कोई भी जिस किसी भी देवता की आराधना विश्वास के साथ करने की इच्छा रखता है, मैं उसकी आस्था उसी देवता में मजबूत कर देता हूँ।
- स्वर्ग प्राप्त करने या वहां कई वर्षों तक वास करने के पश्चात एक असफल योगी का पुन: एक पवित्र या समृद्ध कुटुंब में जन्म होता है।
- मैं सभी प्राणियों के दिल में प्रस्थान हूँ।
- ऐसा कुछ भी नहीं, चेतन और अचेतन, जो मेरे बिना अस्तित्व में रह सकता हो।
- वह जो मृत्यु के वक़्त मुझे स्मरण करते हुए अपना सरीर त्यागता है, वह मेरे धाम को प्राप्त होता है. इसमें किसी शंशय नहीं है।
- वह जो इस शिक्षा में विश्वास नहीं रखते, मुझे प्राप्त किये बिना जन्म या मृत्यु के चक्र का अनुगमन करते हैं।
- हे अर्जुन!, मैं भूत, वर्तमान या आनेवाला कल के सभी प्राणियों को जानता हूँ, किन्तु वास्तविकता में कोई भी मुझे नहीं जानता है।
श्रीमद्भगवद्गीता श्री कृष्ण अनमोल वचन Photos
श्रीमद्भगवद्गीता श्री कृष्ण अनमोल वचन